चक्षुषी विद्या
भगवान सूर्य प्राणियों की दृष्टि शक्ति के अधिष्ठातृ देवता हैं, इसलिए अच्छी नेत्रज्योति और नेत्ररोगों को दूर करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है । नेत्र रोग दूर करने की रामबाण उपासना है भगवान सूर्य की चक्षुषी विद्या। प्रातः काल इसका पाठ करने से साधक के नेत्र को तेजयुक्त एवं सभी प्रकार के नेत्ररोगों को शीघ्र दूर होते हैं ।
श्री सरस्वती स्तोत्र
ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की साधना साधक के लिए अत्यंत लाभदायी है। प्रतिदिन नियमित तौर पर इस स्तोत्र का पाठ विद्यार्थियों व विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग व सफलता प्राप्ति की कामना रखने वाले जातकों को करना चाहिए। इस स्तोत्र के पाठ से मां सरस्वती की कृपा बनती है, बुद्धि व ज्ञान की प्राप्ति होती हैं।
द्वादश ज्योतिर्लिंग
भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग की पूजा का विशेष विधान है। इस स्तोत्र में भगवान् शिव के इन्ही 12 ज्योतिर्लिंग का वर्णन है। इस स्तोत्र के प्रतिदिन जप से साधक को बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के समान फल की प्राप्ति होती है। केवल यही एक स्तोत्र है जिसका जाप करने से व्यक्ति को शिव भगवान की कृपा तो प्राप्त होती ही है साथ ही अन्य सभी देवी देवताओ की कृपा भी प्राप्त होती है।